हिमालय की गोद से

हिमालय  की  गोद  से
बहुत खुबसूरत है आशियाना मेरा ,है यही स्वर्ग मेरा,मेरु मुलुक मेरु देश

Tuesday, June 5, 2012

गढ़वाली कविता : नै रिवाज

 नै  रिवाज 


म्यार मुल्क
एक नै रिवाज
मौ पच्चीस
अर मनखी ४
इन्ह मा कुई
म्वार त म्वार
कन्नू कै म्वार ?

रचनाकार : गीतेश सिंह नेगी ,सर्वाधिकार सुरक्षित  

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